जीवन मे सदा यदि नॉर्मल जीवन हैं तो भीड़ और परिवार समाज आपके साथ रहेगा। क्योकी विशेष काम को विशेष लोग ही समझ सकते हैं। विशेष लोग यदि आपके परिवार या समाज मे नही हैं या फिर आपके परिवार या समाज मे आपके विचार और लक्ष्य की समझ नही होगी तो फिर समझो आपको अपने लक्ष्य के लिए अकेला चलना पड़ेगा। क्योकि विशेष लक्ष्य या तो तय मत करो या फिर लक्ष्य को पाने के लिए अकेले चलो। क्योकि आपको कोई हक्क नही किसी को बुरा बोलने का क्योकि जीवन मे सदा याद रखो यदि आप संसार की चली आ रही परंपरओं को लेकर जीते है तो आपके साथ दुनिया होगी और परिवार या समाज क्योकि दुनिया या समाज सदा सही होता हैं लेकिन जैसी आपके आसपास रहने वाले लोगो की सोच और समझ होगी। यदि आपके आसपास रहने वाले समाज की सोच सिर्फ पवत पालन और पुरानी सामाजिक आवश्यकताओ को पूरा करने की सोच हैं तो आप यह तय कर लो कि आपके नये विचार और लक्ष्य को लोग समझ नही पाएंगे। लोग साथ तभी देते हैं जब उनको आपके विचार और कार्यो की समझ होगी। जीवन मे सदा याद रखो की जैसी समझ वैसी सोच। भगवत भक्ति और लक्ष्य उसी को तय करने पड़ते हैं। जिन्होंने लक्ष्य तय किये हैं। जितना बड़ा लक्ष्य उतन
Moti Singh Rathore(Motivator Rathore) Motivation Speaker & Life Coach, Trainer & Writer जीवन का सबसे अच्छा सार अपने लिए जिओ ही मत। दुख और चिंता खत्म। जीवन को विशेष कार्य योजना में लगा दो। जीवन मे याद रखो 100% लोग जब राम,कृष्ण और अल्लाह से खुश नही हुए तो आप क्यो जूठी आशा में बैठे हो कि 100% लोग आपसे खुश होंगे। सबको खुश रखने के चक्कर मे न पड़ कर अपना जीवन सही और बेहतर कर्मो की तरफ मौड़ दो। मेरे विचारों से संतुष्ट हो या नही लेकिन विचार रखने की आजादी मेरा जन्म सीध अधिकार हैं वाल्तेयर