इस पेज पर मेरा लिखा उपन्यास जोकि मेरे द्वारा काल्पनिक कहानी पर आधारित होगा। इस उपन्यास के सभी पात्र और स्थान और सम्पूर्ण विचार मेरे स्वयम के द्वारा लिखे और तय किये गए प्लाट व समय के अनुसार हैं। जोकि ऑनलाइन माध्यम से आप तक पहुँचा रहा हूँ।
मैं (राहुल)और मेरा जीवन।
मैं अक्सर सुबह जब भी उठता सबसे पहले सूर्य को देखता और नमस्कार करके सीधा बाऊजी की तस्वीर को दो पल देखता और फिर बाकी का दैनिक काम यह मेरे जीवन का मुख्य कार्य था।
सूर्य यानी इस धरती का सबसे अहम ग्रह जिसके कारण सम्पूर्ण सृष्टि चलायमान हैं। सूर्य के बाद पिता जिनका अंश मैं हूँ साथ ही जिनके जीवन का सार मैं हूँ।
जीवन को विशेष दिशा की तरफ मौड़ कर जीने के लिए सदैव मैं हमेशा सच्च और मुस्किलो के लिए तैयार रहता था। साथ ही मैं सदैव आसान नही मुश्किल हालातो को जीना चाहता था। इसलिए जब भी मुश्किल हालात आते बाकी और साधारण लोग चिंता करते और मैं उसी मुश्किल पल को बड़े आराम से थोड़े से ध्यान और सूर्य और बाऊजी के आशीर्वाद से मुश्किल समय से गुजर जाता।
समय भी कितना जल्दी जल्दी निकल जाता हैं। शायद हमे अंदाज ही नही। लेकिन समय का हर पल जीवन को विशेष कर्मो और अनुभवों अहसास को जीवन मे प्रदान करता हैं।
मैं शुरू से थोड़ा जिद्दी किस्म का लड़का रहा हूँ। एक बार जिंदद कर ली तो फिर मैं किसी भी हालत में पीछे नही हटता। हाँ एक ही बात का ध्यान मैंने शुरू से रखा हैं कि भले में दोस्तो के साथ दिन में कितना ही खेलु या फ़िल्म टीवी देखु लेकिन जो पढ़ने का समय था उसका कभी लॉस नही करता यानी दिन का 3 घण्टे का स्वाध्याय का कोटा पूरा करता था। चाहे रात के दो बजे जाए।
नाश लाभ न करने का निर्णय मैं बचपन मे ही ले चुका था। मैं बहुत जल्दी ही यह बात जान चुका था कि सही क्या हैं गलत क्या हैं। लोग किस कार्य को दबाव से करते हैं जबकि मन मे वो काम पसन्द नही हैं या लोग किस काम को नही कर पा रहे है जो उनको पसन्द हैं।
लोग क्यो खुलकर अपना जीवन नही जी पा रहे हैं। लोग क्यो अपने जीवन को दूसरों के लिए जीते हैं। जीवन तो सदैव दुसरो के लिए ही होता हैं। लेकिन जीवन के दो आयाम हैं आंतरिक और बाहरी। आंतरिक स्वयं के लिए बाहरी दूसरो के लिए।
मैं यह सबकुछ उपन्यास की मुख्य रूपरेखा का खाका आपको बताने के लिए लिख रहा हूँ जिसमे आपको पता चले कि इस उपन्यास के मुख्य पात्र का चरित्र और विचार कैसे हैं। जितना आप उपन्यास के मुख्य पात्र को जान जाओगे समझो आपका विषय अर्थता उपन्यास पढ़ने का रास्ता उतना क्लियर होगा।
जैसे जैसे उपन्यास में पात्रों और पन्नों की गिनती बढ़ती जाएगी। आपको उपन्यास की सम्पूर्ण गतिविधि समझ मे आ जायेगी।
इस उपन्यास को मैं बहुत ही तल्लीनता आउट समझ व ध्यान से लिखने की पूर्ण कोशिश करूंगा। ताकि मेरे वास्तविक विचार पात्र की जीवन यात्रा का वर्त्तान आप तक पहुँचे।
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