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मेरी फिल्म कहानियां। मैं भारत की मशहूर मुम्बई फ़िल्म इंडस्ट्री का प्रोफेशनल रजिस्टर्ड  फ़िल्म स्टोरी राइटर हूँ। मेरी लिखी कुछ कहानियों की आउटलाइन प्लाट हैं जिनके PDF नीचे दिए गए हैं। यदि किसी भी प्रोडक्शन को फ़िल्म का आउटलाइन पसन्द आता हैं तो संपर्क कर सकता हैं।

Script Writer Association Card 



1. NASHA EK LAAT ( HOW TO TERRORISM ENTER IN INDIA) FILM Script Idea & Script.

  











2. Mission 300( Story Plot on Alien's V/S Earth)

   





3. Railway Yard




4. Rees  Returns 








 I have all four Film Subjects Orignal Plots ready to write a script for next Block Buster.


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मैं मोटिवेशन स्पीकर कैसे और क्यो बना।

My struggles made me realize that I can transform the lives of many with his own knowledge so I decided to be a motivational speaker. मेरे संघर्षों ने मुझे एहसास कराया कि मैं उनके ज्ञान से कई लोगों के जीवन को बदल सकता हूं इसलिए मैंने एक प्रेरक वक्ता बनने का फैसला किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस अजय : हेलो, मोटिवेटर राठौड़, आप मोटिवेशन स्पीकर कैसे बने। मोटिवेटर राठौड़: हेलो प्रेस आपका स्वागत है मेरे इस मोटिवेशन शो में। आपका प्रश्न हैं कि मैं मोटिवेशन स्पीकर कैसे बना। मैं बचपन से ही आर्मी स्कूल में पढ़ा मेरे पिताजी इंडियन आर्मी में थे। इसलिए मैं अपनी पहली क्लास के लिए जोधपुर राजस्थान से असम गया। मैं जीवन मे पहली बार गांव से इतने बड़े सफर पर निकला था। पिताजी ने अपने मिलने वाले के साथ मुझे बुलाया था। मैं ट्रैन में था उस समय छोटी ट्रैन होती थी यह बात 1981 की हैं। मुझे पहली बार अहसास हुआ कि मेरे गांव से भी बड़ा और कोई सभी सुविधाओं के साथ अन्य गांव भी हैं जहाँ मेरे गांव से भी ज्यादा सबकुछ हैं मेरे गांव में तो सिवाय कुछ जरूरी सेवाओ के कुछ नही। वही से मन मे एक प्रश्न आया कि इसका मतलब इससे भी बड़ा और कु

मुस्किलो से सामना

  दोस्तो, आज की पोस्ट जिस विषय पर आधारित हैं वो विषय हैं "मुस्किलो से सामना". यानी अगर जीवन मे आगे बढ़ना हैं तरक्की करनी हैं या विशेष नाम और दाम दोनों के साथ रुतबा बढ़ाना है तो आपको मुस्किलो से सामना करना होगा। शहीदों का सन्मान उनके हौसलों और जान तक पे खेलने से मिलता हैं। किसी भी कार्य मे मुश्किल हालात ही एक मजबूत इंसान का निर्माण करती हैं। आज जो ट्रेंड चल रहा हैं वो भोग और विलासिता का समय चल रहा हैं। जबकी पहले के समय मे जितने भी महापुरुष और विशेष लोगो ने इन धरती पर नाम किया उनके नाम होने के मुख्य कारण था मुश्किलों से खेलना।  राम और कृष्ण ने स्वयं कष्ट का जीवन ही चुना क्यो। राणा प्रताप हो या पाबूजी राठौड़ हो या दुर्गा दास राठौड़ हो या पन्ना धाय हो या राणा सांगा या अमर सिंह हो या अन्य। इतिहास को उठा कर देखलो जिन्होंने जितनी तकलीफ और मुश्किलों से सामना किया उनका आज भी इतिहास में नाम दुनिया जानती हैं। जितना हम भोग की तरफ जायेंगे उतना ही हम अपने कर्मो को गिराते चले जायेंगे। आज दुनिया सिर्फ इसलिए हर प्रकार से धन कमाना चाहती हैं ताकि जीवन मे मौज मस्ती ओर भोग के विषयों को मजबूत किया जा

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