यह मेरी रजिस्टर्ड कहानी हैं। जिसका नाम कुलदेव हैं। कुलदेव यानी किसी भी कुल का देव या देवी। जोकि कुल पर आने वाले सम्पूर्ण दुखो और तकलीफ को अपने वंश और परिवार पर आने से कुलदेव बचाता हैं।
मैं राठौड़ कुल का राजपूत वंश से हूँ। वैसे धरती पर सम्पूर्ण वंश एक ही जड़ की शाखाये हैं। जोकि फलते फूलते आज बहुत बड़े वट वृक्ष का रूप ले चूल हैं उतने बड़े सदियो से चले आ रहे वट वृक्ष की अंसख्य शाखाओ को कैसे पहचाने तो उसकी व्यवस्था हैं नाम,कुल,कर्म क्षेत्र,स्थान,राज्य,जिले,देश और काल।
कुलदेव भी उसी मुताबिक 36 जातियों और वंशो का एक ही होता हैं। हर वंश का अलग अलग कुलदेव हैं। जिसमे अलग अलग काल और समय के अनुरूप अवतरित की वेला हैं।
मैं कुलदेव नाम से ही कहानी इस लिए लिख रहा हूँ कि सभी वंश और कुल अपनी अपनी देवी देव को तव्वजो दे और सदैव इस बात का मनन रहे की बिना कुल देव के जीवन मे कुछ भी सम्भव नही होगा। यदि कुलदेव आपसे प्रसन्न नही हैं तो समझो आपके कदम कदम पर मुश्किलों के अंबार लगेंगे।
यदि आप कुलदेव को अपने जीवन का आधार मानेंगे तो आपके कर्म कदम पर खुशियों के भंडार खुल जाएंगे। कुलदेव ही जीवन की वो चाबी हैं जो कि सदियों से बलवान से लेकर कायर और राजा से लेकर गुलाम तक के जीवन मे अहम थे और हैं।
जिसने भी कुलदेव की अवहेलना की समझो जीवन गर्त और पतन के पाताल में चला गया। जीवन में सदैव कुलदेव के अनुसार खानपान रहनसहन और अन्य सभी विषयों और वस्तुओ से लेकर जन्म मरण के संस्कारों को भी मुख्य तव्वजो दी गयी थी और आज भी हैं।
जन्म से लेकर सोलह संस्कारों के साथ कुलदेव के संस्कार,ध्यान,मनन और साधना को जीवन का मुख्य अंग मानकर चलना ही जीवन का सार हैं। भले आप कितने ही बड़े पद या चिन्ह पर बैठे हो। लेकिन कुलदेव को मानना ही मुख्य कर्म व फर्ज जिस दिन समझ लोगे समझो आपका जीवन सफल हुआ।
अक्सर हमारे घरों की औरते पूरे साल व्रत और पूजा कर्मो में व्यस्त रहती है। जितना बड़ा और गुणी परिवार उतना ज्यादा पूजा पाठ धर्म कर्म और विशेष तव्वजो देवी देवताओं को।
देव कर्म से इंसान के जीवन का सार और जीवन यात्रा का पता चल जाता हैं। कि बालक बालिका या बड़े बुजुर्ग किस दिशा और परिवार किस दिशा के लिए बने हैं।
धरती पर बड़े बड़े सुरमा हुए जिनकी तलवारों और भालो और गद्दों व तिरो ने दुनिया मे तांडव किया था लेकिन उन्होंने भी कुलदेव को सर्वोपरि माना। जितने बड़े योद्धा उतना ज्यादा कुलदेव पर भरोसा। क्योकि जीवन का आधार ही कुलदेव है।
इसी कड़ी को लेकर मैं एक फ़िल्म बना रहा हूँ जिसका नाम है कुलदेव। जोकि अभी कुछ समय के बाद जिसमे बड़ा समय भी लग सकता हैं को आपके सामने लाने की कोशिश कर रहा हूँ जिसको पूर्ण करेगी कुलदेवी नागणेच्या माँ। जय नागाणा धाम।
Comments
Post a Comment