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मोटिवेशन स्पीकर कैसे और क्यो बना।

My struggles made me realize that I can transform the lives of many with his own knowledge so I decided to be a motivational speaker. मेरे संघर्षों ने मुझे एहसास कराया कि मैं उनके ज्ञान से कई लोगों के जीवन को बदल सकता हूं इसलिए मैंने एक प्रेरक वक्ता बनने का फैसला किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस अजय : हेलो, मोटिवेटर राठौड़, आप मोटिवेशन स्पीकर कैसे बने। मोटिवेटर राठौड़: हेलो प्रेस आपका स्वागत है मेरे इस मोटिवेशन शो में। आपका प्रश्न हैं कि मैं मोटिवेशन स्पीकर कैसे बना। मैं बचपन से ही आर्मी स्कूल में पढ़ा मेरे पिताजी इंडियन आर्मी में थे। इसलिए मैं अपनी पहली क्लास के लिए जोधपुर राजस्थान से असम गया। मैं जीवन मे पहली बार गांव से इतने बड़े सफर पर निकला था। पिताजी ने अपने मिलने वाले के साथ मुझे बुलाया था। मैं ट्रैन में था उस समय छोटी ट्रैन होती थी यह बात 1981 की हैं। मुझे पहली बार अहसास हुआ कि मेरे गांव से भी बड़ा और कोई सभी सुविधाओं के साथ अन्य गांव भी हैं जहाँ मेरे गांव से भी ज्यादा सबकुछ हैं मेरे गांव में तो सिवाय कुछ जरूरी सेवाओ के कुछ नही। वही से मन मे एक प्रश्न आया कि इसका मतलब इससे भी बड़ा और कुछ हैं। और मैं जैसे जैसे आगे बढ़ा मुझे हर कदम पर कुछ नया और अनोखा मिला। उसके बाद दिल्ली में भी पढ़ा सेंट्रल स्कूल में जहाँ देश के सभी कोनो से बच्चे पढ़ते थे। यानी मैं ज्यादा देखता गया और उसका उपयोग मैं अपने गांव में आकर या अपने दोस्तों रिस्तेदारो और अन्य को बडी तल्लीनता और स्टोरी टेलिंग के मुताबिक बताता। यानी मैं क्लास 5वी में ही मोटिवेशन स्पीकर बन गया था। पढ़ाई को लेकर मैं हमेशा सीरियस रहा हूँ। मैं स्कूल टाइम से ही जो कल पढ़ाया जाना हैं उसकी तैयारी आज ही कर लेता उसके बाद यहाँ तक कि स्कूल की क्लास में मैं उस समय अपने साथ पढ़ने वाले बच्चो को पढ़ता और समझता। यानी मैं 8 और 9 क्लास में अपने दोस्तो को समझता और पढ़ता। मैं स्कूल टाइम से ही सदैव फ्रंट बेंचर रहा हूँ लेकिन पढ़ाई के साथ साथ NCC,SCOUTE और अन्य गेम्स से लेकर सभी जगह को मैं पहले सिख लेता फिर मैं अपने दोस्तों को बताता और पढ़ता। उसके बाद मैं मुम्बई फ़िल्म इंडस्ट्री में भी गया जहाँ से बहुत सीखा और बाद में कई दोस्तो को फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए बताया। मैं शुरू से एक बात मुख्य मानता हूँ कि मुझे किंग नही किंग मेकर बनना हैं। मैं सदैव अपने से ज्यादा दुसरो के लिए कुछ करना चाहता हूँ। कॉलेज पूरी नही की क्योकि शादी हो गयी थी उसके बाद इंडियन आर्मी में नोकरी भी लगी,लेकिन किन्ही कारणों से छोड़ दी वहाँ भी मैं कोर्स सिनियर था। सुबह सबसे पहले उठा कर ग्राउंड के 4 चक्कर लगाकर वापस PT में फिर दौड़ता। शहर से लेकर अन्य सभी जगह को मैं सबसे पहले देख कर फिर बताता। अब यह तो पक्का पता हैं और आप और मैं जानते हैं कि किसी भी नई जगह और नई वस्तु या क्षेत्र या सामग्री या अध्ययन में पहले में करने वाले को तकलीफ होती हैं जब लोग उस तकलीफ से कुछ हासिल कर लेते हैं तो बाद में समस्याए जो रास्ते मे आयी उनसे अन्य बाद में आने वाले लोगो को नही बताते या जो सफर में तकलीफ हुई उसको नही बताते हैं कारण लोग आगे बढ़ जाएंगे। जो मुझे ठीक नही लगा। मैंने इसके उलट यह सोचा कि मैं जिन क्षेत्रों में कार्य कर चुका हूँ या जहाँ जा चुका हूँ या किसी व्यक्ति विसेष य स्तिथि से रूबरू हो चुका हूँ किसी भौगोलिक जगह या समस्याओ से गुजर चुका हूँ उन तमाम समस्यों से अन्य न निकले मैं उनको बता दूंगा। या जिनको जीवन मे वहाँ पहुँचने में किसी भी प्रकार की मानसिक या शरीरिक समस्या हैं तो उसको मैं अपने अनुभवों और जी चुके अनुभावों और मुश्किलों से निकलने की जो मेरे पास जानकारी या अनुभव हैं उनको लोगो तक मैं पहुचा सकू इसलिए मैं एक मोटिवेशन स्पीकर बना। आज भी मैं घंटो किताबो और ऑनलाइन और गूगल करता हूँ। मैं सफर में ज्यादा रहता हूँ इसलिए भले बस हो या ट्रैन या एयर मैं अपने पास वाली सीट पर बैठे व्यक्ति को जज करके लगता है की कुछ डिप्रेस्ड हैं तो मेरे अनुभव व गॉडगिफ्ट नाम MOTISINGHRATHORE में MOTI जोकि मोटिवेशन का मुख्य शब्द हैं कुदरत ने दिया। इसलिए मैं वहाँ भी मोटिवेशन के लेक्चर या माइंड डेवलपमेंट या डिप्रेशन से निकलने की स्पीकिंग शुरू कर देता हूँ। प्रेस अजय : मोटिवेशन का क्षेत्र क्यो चुना। मोटिवेटर राठौड़ : मैंने मोटिवेशन स्पीकर का क्षेत्र इसलिए चुना क्योकि शुरू से मुझे डिप्रेस्ड लोगो और जिनको किसी विषय वस्तुओ की समस्याओं का पता नही हैं या जो लोग समस्याओ से टूट चुके हैं या जो अपने जीवन मे कोई लक्ष्य तय नही कर पाते हैं या जिन युवाओ के घरों में माता पिता पढ़े लिखे नही हैं जिनको शिक्षा से लेकर कैरियर में या किसी भी क्षेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या हैं या जानकारी के अभाव हैं तो मैं एक मोटिवेशन स्पीकर और लाइफ कोच के हैसियत से अपना 100% देने की कोशिश में रहूंगा। मुझे लोगो को मोटीवेट करने में मजा आता हैं। इसलिए मैं मोटिवेशन ट्रेनर स्पीकर और लाइफ कोच बना। साथ ही मैं बिज़नेस मैन भी हूँ स्पोर्ट्स में रहा हूँ। मेरे पास निम्न क्षेत्रो का व्यक्तिगत अनुभव हैं। अतः मैं इसी कोशिश में लगा हुआ हूँ कि कोई मन से या डिप्रेशन से या जानकारी के अभाव में अपना जीवन बर्बाद न करले। मै अपने जीवन को इसी क्षेत्र में लगा चुका हूँ नशे से लेकर शिक्षा और विशेष कर युवाओ व ग्रामीण क्षेत्रो में जाकर अपने मोटिवेशन से लोगो के मन को शक्ति प्रदान करना। जीवन मे खाना पानी और घर व कपड़ो से भी आजके समय मे यदि सबसे महत्वपूर्ण अगर कुछ हैं तो वो हैं मोटिवेशन। मोटिवेशन एक पावर बूस्टर हैं ठीक वैसे ही जैसे नीचे जमीन पर पड़ा पानी मोटर से 30 मंजिल तक पहुँच जाता हैं कारण मोटर यानी मोटिवेशन। प्रेस अजय : मोटिवेशन के लिए आप किस प्रकार का रोड मैप बनाकर चल रहे हैं किस वर्ग को मोटिवेशन की ज्यादा जरूरत हैं। मोटिवेटर राठौड़: मोटिवेशन के लिए मैं आने वाले समय मे मोबाइल ऐप्प MOTIVATOR RATHORE Goggle Play Store पर हैं साथ ही मेरी वेबसाइट www.motisinghrathore.com और blog www.motivatorrathore.blogspot.com व अन्य तरीके से ऑनलाइन और ऑफ लाइन के माध्यम से व यूट्यूब पर MOKAJI TV नाम से यूट्यूब चैनल भी हैं। इसके अलावा वेबनैर या पॉडकास्ट व लेक्चर व लाइव वीडियो व्हाट्सएप्प व फेसबुक व इंस्टाग्राम पर भी जल्दी सबकुछ अपडेट होगा। साथ ही मैं युवा वर्ग के लिए ज्यादा से ज्यादा मोटिवेशन सेमिनार्स आयोजित करना चाहता हूँ साथ ही मैं हर उस क्षेत्र जिनमें हॉस्पिटल में मरीजो से मिलने व मोटिवेशन थरेपी के लिए जाता हूँ और जाऊंगा। प्रेस अजय : कुल मिलाकर आप फुल टाइम मोटिवेशन स्पीकर के रूप में काम करेंगे। मोटिवेटर राठौड़ : फूल टाइम हो या पार्ट टाइम यह तो मैंने की बाउंड्री नही बना रखी हैं मैं देश और दुनिया हर क्षेत्र में अपना मोटिवेशन स्पीकिंग से लोगो का जीवन मे सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध रहूंगा यही मेरे अंतिम समय तक का प्रण है। इन्ही सभी बातों और मेरे संघर्षों ने मुझे एहसास कराया कि मैं अपने ज्ञान से कई लोगों के जीवन को बदल सकता हूं इसलिए मैंने एक मोटिवेशन स्पीकर यानी प्रेरक वक्ता बनने का फैसला किया।

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मैं मोटिवेशन स्पीकर कैसे और क्यो बना।

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