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Helicopter Booking Services

Helicopter Booking Services : मोकाजी हेली सेवा MOKAJI HELI SERVICES https://youtu.be/Lo_7F1312Vk हेलीकाप्टर जॉय राइड की कीमत क्या आपने कभी अपने विशेष दिन को अविस्मरणीय बनाने के लिए भारत में हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग करके हवा में सवारी करने की कल्पना की है? यदि हां, तो भारत में हेलीकॉप्टर जॉय राइड के लिए हमसे संपर्क करने का यह सही समय
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पैसा बड़ा या समय

  पैसा बड़ा या समय अगर जिस दिन इस विषय को समझ लोगे समझो सबकुछ समझ गए लेकिन इसको समझते समझते समझते जिंदगी बीत जाती हैं लेकिन हम पैसो को बड़ा मानने में लगे रहते हैं।  अगर पैसा बड़ा होता तो अस्पताल जाने वाले कि जब मौत होती हैं। तो लोग कहते हैं कि पूरी जिंदगी खाने और पीने पर ध्यान नही दिया और आखिर इस पैसे से जीवन नही बचा। जबकि अगर शांति से जीवन जीते हुए दो रुपये कम काम लेता तो क्या फर्क पड़ता। लेकिन अब क्या हो जब समय बीत गया। समय रहते अगर चेत जाता तो शायद स्वस्थ्य ठीक रहता। समय रहते अगर इलाज लेता  तो शायद बच जाता। समय के अनुसार खान पान पर ध्यान दिया होता तो शायद बीमारी नही लगती। समय के साथ यदि आराम को तव्वजो देता तो शायद आज अस्पताल आने की या जाने की नोबत नही आती। ऊपर लिखी इन लाइन में पैसा और समय ज्यादा किसका जिक्र हुआ वो बड़ा। इसका निर्णय मैं नही आप स्वयं कर दोगे।  पैसो से आप खाना खरीद सकते हैं लेकिन अगर आप एक बार भर पेट खाना खा चुके हैं तो अब यही कहोगे। की चल बता क्या खायेगा अभी लेकर आता हूँ। तब एक ही उतर मिलेगा की नही अब रहने दे भूख नही हैं।  जब इंसान की उम्र बीत जाती है और बालों में सफेदी छा

मोटिवेशन और गीता

 मोटिवेशन आज नही आज से 5200 यानी पांच हजार दोसौ साल पहले भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध के मैदान में जब अर्जुन अपने सभी नाती रिस्तेदारो को सामने के पक्ष में देख कर उदास और बेचैन मन से अपने हथियार रख देता हैं। अर्जुन जब भगवान कृष्ण को अपनो से युद्ध करने से मना कर देता हैं तब श्री कृष्ण अर्जुन के मनोबल और आत्मविश्वास को बल देने के लिए व आंतरिक उथल पुथल को शांत करने व युद्ध को लड़ने के लिए तैयार करने के लिए जो शब्द कहे वही गीता सार है यानी उस समय आज का मोटिवेशन शब्द सही बैठता हैं। महाभारत के सबसे अहम सार को ही गीता कहा गया हैं। गीता ही संसार को तारने और संसार से कर्म करते हुए पार जाने का सार हैं। गीता का एक एक शब्द यदि हम पढ़े तो शायद यह पाएंगे कि संसार मे जो कुछ हो रहा हैं एक नाटक है एक स्वांग है एक मंचन है। जो श्री कृष्ण के द्वारा रचित लिखित और मंचित हैं। जिसका जिता जागता उदहारण है जब भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को अपना मुँह खोल कर बताते हैं और कहते है कि देखो अर्जुन मेरे अंदर देखो कितने ही युगों के युद्ध तो मेरे अंदर है कितने ही युग आये और गए मैं आज भी अटल हूँ। हे अर्जुन तू आज जिसको रिस्तेदार समझ

बाप और बेटी

  बाप और बेटी *बेटी की विदाई के वक्त बाप ही सबसे आखिरी में रोता है क्यों, चलिए आज आपको विस्तार से बताता हूं..........* *बाकी सब भावुकता में रोते हैं, पर बाप उस बेटी के बचपन से विदाई तक के बीते हुए पलों को याद कर करके रोता है।* *माँ बेटी के रिश्तों पर तो बात होती ही है, पर बाप ओर बेटी का रिश्ता भी समुद्र से गहरा है।* *हर बाप घर के बेटे को गाली देता है, धमकाता है, मारता है, पर वही बाप अपनी बेटी की हर गलती को नकली दादागिरी दिखाते हुए, नजर अंदाज कर देता है।* *बेटे ने कुछ मांगा तो एक बार डांट देता है, पर अगर बिटिया ने धीरे से भी कुछ मांगा तो बाप को सुनाई दे जाता है, और जेब में रूपया हो या न हो पर बेटी की इच्छा पूरी कर देता है।* *दुनिया उस बाप का सब कुछ लूट ले तो भी वो हार नही मानता, पर अपनी बेटी के आंख के आंसू देख कर खुद अंदर से बिखर जाए उसे बाप कहते हैं।* *और बेटी भी जब घर में रहती है, तो उसे हर बात में बाप का घमंड होता है। किसी ने कुछ कहा नहीं कि वो बेटी तपाक से बोलती है, "पापा को आने दे फिर बताती हूं"* *बेटी घर में रहती तो माँ के आंचल में है, पर बेटी की हिम्मत उसका बाप रहता है।

मन,इच्छा और भोग

  आज की पोस्ट का विषय हैं मन पर नियन्त्रण। यानी जीवन का सबसे अहम विषय हैं। "मन" यानी हमारे शरीर का वो आयाम जिसके कारण दुनिया और जहन से लेकर जहांन तक इससे अछूता नही हैं।  जीवन मे मन ही वो आयाम हैं जिसके कारण इंसान पाप से पुण्य के बीच बहता हैं। मन ही वो कड़ी है जो संसार को गति और मति दे रहा हैं। किसी महापुरुष ने कहा हैं कि दुनिया का सबसे तेज अगर कोई आयाम है तो वो मन हैं।  मन एक पल में करोड़ो किलोमीटर की यात्रा करके दूसरे पल वापस लौट आता हैं। किसी कवि ने कहा हैं कि  मन के मते न चलिए,मन पल पल है और ,कभी चंचल, कभी मन राजा, कभी मन फ़क़ीर, एक पल में लाख चले,न चले कमजोर, मन सोचे तो बने राजा,मन सोचे तो चोर, मन के सोचे जो चले तो समझो उसका मन ही बने पक्ष कमज़ोर। जीवन मे मन एक धोखा हैं,जीवन मे मन एक बुलबुला, जीवन मे मन जंजाल हैं। मन ही है सब दुखो की खान। मन तो सदा बावरा,उड़ता फिरे अटारी, मन जिसके काबू रहे वही जीते नगरी सारी। मन का जो गुलाम हैं,मन उसको ले डूबे, मन तो छपन भोग खाये दोपहरी में सपने दिखाये। मन बिना कर्म के फल चाहे,मन तो बिन पढ़े अंक चाहे। मन तो सोते हुए व व्यायाम चाहे। मन तो बिन युद

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